7th Pay DA : जाने कितना बढ़ा महंगाई भत्ता
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वर्ष 2023 का दूसरा सेना कमांडर सम्मेलन 16 अक्टूबर 2023 को हाइब्रिड रूप में शुरू हुआ। इस आयोजन के दौरान, भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों की स्थिति और चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। वर्तमान सुरक्षा तंत्र के अतिरिक्त संगठनात्मक पुनर्गठन, लॉजिस्टिक, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया। इस सम्मेलन के तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह का संबोधन रहा। इससे पहले “डिजिटलीकरण और स्वचालन (ऑटोमशन) पहल सहित नए युग में भारतीय सेना के लिए प्रशिक्षण संरचना” पर एक संक्षिप्त विवरण दिया गया था।
रक्षा मंत्री ने देश के सर्वाधिक भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में प्रमुख, भारतीय सेना में पूरे देश का विश्वास दोहराया। उन्होंने हर आवश्यकता के समय नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने के अलावा हमारी सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सेना कमांडरों के सम्मेलन में उपस्थित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और माननीय प्रधानमंत्री के ‘रक्षा और सुरक्षा’ दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए सेना नेतृत्व की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि ये उच्च नेतृत्व सम्मेलन न केवल सशस्त्र बलों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए लाभदायक हैं।
रक्षा मंत्री ने वर्तमान जटिल और कठिन विश्व परिस्थिति पर बात करते हुए कहा कि ये स्थितियां वैश्विक स्तर पर सभी को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि “हाइब्रिड युद्ध सहित गैर-परंपरागत और असंयमित युद्ध, भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होगा और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे संघर्षों में भी यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो रहा है। इसके लिए आवश्यक है कि सशस्त्र बलों को रणनीति और योजना बनाते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। हमें वर्तमान और अतीत में घटी वैश्विक घटनाओं से सीखते रहना चाहिए। उन्होंने सेना का आहवान करते हुए कहा कि अप्रत्याशित स्थितियों के अनुरूप योजना तैयार करें, रणनीति बनाएं और निपटने की तैयारी करें।”
उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के बारे में टिप्पणी करते हुए, रक्षा मंत्री ने किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सेना पर पूरा भरोसा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी स्तरों पर चल रही बातचीत जारी रहेगी। रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन के प्रयासों की सराहना की, जिसने कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं पर सड़क संचार में अतुलनीय सुधार किया है।
पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति का जिक्र करते हुए, उन्होंने सीमा पार से आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की जवाबी कार्रकाई की सराहना की, हालांकि सीमा पार से छद्म युद्ध जारी है। रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल/पुलिस बलों और सेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करता हूं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में समन्वित अभियान इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं और इसे जारी रहना चाहिए, और इसके लिए मैं फिर से भारतीय सेना की सराहना करता हूं।
रक्षा मंत्री ने उच्च मानक स्थापित करने और क्षमताओं के लिए सेना की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे अग्रिम क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान इसका प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करते रहे हैं। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने विदेशी सेनाओं के साथ स्थायी सहयोगी संबंध स्थापित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए सैन्य कूटनीति में सेना द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। और हाल ही में हुए एशियाई खेल 2023 में सेना के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के लिए भारतीय सेना की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने जीवन के हर क्षेत्र में हो रही तकनीकी प्रगति पर जोर दिया और उन्हें उपर्युक्त रूप से शामिल करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और इस तरह ‘स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण’ या ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सेना के प्रयासों की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता के माध्यम से प्रत्येक सैनिक के लिए हथियारों का आधुनिकीकरण सरकार का मुख्य लक्ष्य है और सरकार इस कार्य में पूरी तरह से सशस्त्र बलों के साथ है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा कूटनीति, स्वदेशीकरण, सूचना युद्ध, रक्षा बुनियादी ढांचे और बल आधुनिकीकरण से संबंधित मुद्दों पर हमेशा ऐसे मंच पर विचार किया जाना चाहिए। युद्ध की तैयारी एक सतत घटना होनी चाहिए और हमें किसी भी समय सामने आने वाली अनिश्चितताओं के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। हमें अपने युद्ध कौशल और हथियार प्रौद्योगिकियों को सुदृढ़ बनाना चाहिए ताकि जहां भी आवश्यकता हो, प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सके। राष्ट्र को अपनी सेना पर गर्व है और सरकार सेना-सुधार और क्षमता-आधुनिकीकरण की राह पर आगे बढ़ने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
The second Army Commanders’ Conference of year 2023, commenced in a hybrid format on 16 Oct 2023. During the event, Indian Army’s apex leadership comprehensively deliberated upon all aspects of existing security scenarios, situation along the borders and in the hinterland and challenges for the present security apparatus. In addition, the conference is also focusing on issues pertaining to organisational restructuring, logistics, administration and human resource management. The main highlight of the third day of the conference was the address by the Hon’ble Raksha Mantri, Shri Rajnath Singh, to the senior leadership of the Indian Army, which was preceded by a brief on “Training Architecture for Indian Army in the New Era including Digitisation and Automation Initiatives”
The Raksha Mantri reasserted the faith of entire Nation in the Indian Army as one of the most trusted and inspiring organisations in the country. He highlighted the significant role being played by the Army in guarding our borders and fighting terrorism apart from providing assistance to the civil administration in every need of hour. He expressed his elation to be present in the Army Commander’s conference and applauded the Army leadership for successfully taking ahead the ‘Defence and Security’ vision of the Nation and the Hon’ble Prime Minister. Raksha Mantri commented that these higher leadership conferences are not only beneficial for the Armed Forces but also for the nation as a whole.
The Hon’ble Raksha Mantri stressed upon the present complex and ambiguous world situation which affects everyone globally. He stated that “Unconventional and asymmetric warfare, including hybrid war will be part of the future conventional wars and the same is evident in the recent conflicts happening in various parts of world. This necessitates that Armed Forces should keep all these facets in consideration while planning and formulating strategies. We must keep learning from the incidents to include the global ones, happended in present as also in past. Expect the Unexpected and thereby plan, strategize and prepare accordingly”.
Commenting on the current situation along the Northern borders, the Hon’ble Raksha Mantri expressed full confidence in the Army for any contingency though, the ongoing talks for peaceful resolution will continue at all levels. The Raksha Mantri complimented the efforts of BRO, which has led to the incomparable improvement of road communication in the borders both Western and Northern, while working under difficult conditions.
Referring to the situation along the Western borders, he complimented the Indian Army’s response to cross border terrorism, however the proxy war by the adversary continues. The Hon’ble Raksha Mantri said “I compliment the excellent synergy between the CAPF/ Police forces and the Army in tackling the menace of terrorism in Jammu and Kashmir. The synergised operations in the Union Territory of Jammu and Kashmir are contributing to increased stability and peace in the region and the same should continue, and for this I again compliment the Indian Army”.
The Raksha Mantri commended the Army for the high standard of operational preparedness and capabilities which he has always been experiencing first hand during his visits to forward areas. He also paid tributes to all the brave hearts for making the ultimate sacrifice in the defence of the motherland. He complimented the significant contributions made by the Army in military diplomacy to further our national security interests by creating sustainable cooperative relationships with foreign Armies. He also applauded Indian Army for the stellar performance by the Army Sportspersons in the recent Asian Games 2023.
The Hon’ble Raksha Mantri stressed upon the technological advancement taking place in every sphere of our life and applauded the Armed Forces for aptly incorporating them. He appreciated the Army’s efforts to develop niche technologies in collaboration with civil industries, including premier educational institutions and thereby progressing towards the aim of ‘Modernisation through Indigenisation’ or ‘Atmanirbharta’. Raksha Mantri stated that modernisation of weapons for every soldier through Atmanirbharta is the key focus of the government and the government is completely with the Armed Forces in this aspect.
He concluded by saying that issues related to “Defence diplomacy, indigenisation, information warfare, defence infrastructure and force modernisation should always be contemplated in such a forum. War preparedness should be a continuous phenomena and we should always be ready for unpredictables for the uncertainties that may crop up any time. We should always be strengthening our fighting skills and weapons technologies so as to act effetively wherever called for. The Nation is proud of its Army and the Government is committed to facilitate the Army in their forward movement, on the road to reforms and capability modernisation”.
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