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NARENDRA MODI सरकार की गले की फांस बन गई NPS, कर्मचारियों के प्रदर्शन तेज

December 22, 2018, 7:47 AM
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 केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए परंपरागत पेंशन योजना OPS को बंद करके NPS की शुरूआत की थी। कहा था यह एक क्रांतिकारी कदम है। कर्मचारी जब रिटायर होगा तो उसे पहले से ज्यादा पेंशन मिलेगी परंतु कर्मचारियों ने NPS को रिजेक्ट कर दिया है वो पुरानी पेंशन योजना OPS की मांग कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले प्रदर्शन तेज हो गए हैं। NPS मोदी सरकार की गले की फांस बन गई है। कम से कम 25 करोड़ वोटों का मामला है।

20 दिसंबर यानि आज यूपी की राजधानी लखनऊ में ऐसा ही एक प्रदर्शन चल रहा है। पेंशन बचाओ रैली में राज्‍य के कई कर्मचारी संगठन साथ आए हैं। संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी प्रांतीय अध्‍यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि सरकार को हमारी मांग हर हाल में पूरी करनी होगी। संगठन के पदाधिकारी आरके निगम ने कहा बताया कि रैली के बाद वे 3 सूत्रीय एक्‍शन प्‍लान का ऐलान करेंगे।

क्‍यों मांग रहे पुरानी पेंशन

एस 4 के संयोजक आरके वर्मा ने बताया कि ओपीएस वह पेंशन योजना है जिसमें पेंशन अंतिम ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती है, हालांकि सरकार ने एनपीएस में भी कुछ ऐसा ही प्रावधान किया है, लेकिन हम उससे संतुष्‍ट नहीं हैं। खास कर्मचारी के अंशदान से। पुरानी पेंशन में कर्मचारी का अंशदान नगण्‍य था। साथ ही इसमें महंगाई दर बढ़ने के साथ डीए (महंगाई भत्‍ता) भी बढ़ जाता है। उन्‍होंने बताया कि जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में बढ़ोतरी होती है। एक और लाभ यह है कि इसमें पेंशनर आश्रित को भी बेनिफिट दिया गया है। पेंशनर की मृत्‍यु होने पर उसके आश्रितों को फैमिली पेंशन का प्रावधान है।

क्‍या है NPS

कई राज्‍यों में पहली अप्रैल 2004 से नेशनल पेंशन सिस्‍टम या नेशनल पेंशन स्‍कीम (NPS) लागू की गई है। NPS में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय पुराने कर्मचारियों की तरह पेंशन व पारिवारिक पेंशन के घोषित लाभ नहीं मिलेंगे। इस योजना में नए कर्मचारियों से वेतन और महंगाई भत्ते का 10% अंशदान लिया जाता है। इतना ही अंशदान सेवायोजक यानी राज्‍य या केंद्र सरकार अथवा संबंधित स्वायत्तशासी संस्थानिजी शिक्षण संस्था को करना होता है।

2004 में लागू हुई नई योजना, लालच दिया लेकिन कर्मचारी नाराज

केंद्र सरकार ने वर्ष 2004 में नई पेंशन योजना लागू की थी। इसके तहत नई पेंशन योजना के फंड के लिए अलग से खाते खुलवाए गए और फंड के निवेश के लिए फण्ड मैनेजर भी नियुक्त किए गए थे। यदि पेंशन फंड के निवेश का रिटर्न अच्‍छा रहा तो प्रॉविडेंट फंड और पेंशन की पुरानी स्कीम की तुलना में नए कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय भविष्य में अच्छी धनराशि भी मिल सकती है लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि पेंशन फंड के निवेश का रिटर्न बेहतर ही होगा, यह कैसे संभव है। इसलिए वे पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

Source – Daily Hunt

   
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