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केन्द्रीय सतर्कता आयोग को शिकायत करने के लिए शिकायतकर्ताओं के लिए दिशा निर्देश  

March 25, 2022, 6:36 PM
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केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को शिकायत करने के लिए शिकायतकर्ताओं के लिए दिशा निर्देश  

      1. केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को सीधे लिखित संचार या पत्र के माध्यम से शिकायत दर्ज की जा सकती है या फिर केन्द्रीय सतर्कता आयोग के पोर्टल या केन्द्रीय सतर्कता आयोग की वेबसाइट के होमपेज पर “शिकायत दर्ज करें” लिंक के तहत कर सकते हैं।
      2. भेजी गई शिकायत में, मामले की विशिष्ट जानकारी, प्रेषक का पत्राचार का पूरा पता और मोबाइल या टेलीफोन नंबर, यदि कोई हो तो होना चाहिए।

नोट करे कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC)के अधिकारियों की किसी भी ई-मेल आई डी पर भेजी गई शिकायत पर केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई या संज्ञान नहीं लिया जाएगा।

शिकायत दर्ज करने से पहले शिकायतकर्ता निम्न बातों पर विशेष ध्यान दे

  1. शिकायतकर्ता, सतर्कता आयोग जो कि भ्रष्टाचार निरोधी संस्था है, के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। अतः सतर्कता आयोग यह आशा करता है कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) में दर्ज शिकायतें वास्तविक हों और शिकायत दुर्भावना पूर्ण, परेशान करने के नियत से अथवा अनावश्यक नहीं हों, और कि गई शिकायत सत्यापन योग्य एवं तथ्यों पर आधारित हों साथ हि केन्द्रीय सतर्कता आयोग के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आते हों।
  2. शिकायतकर्ताओं को यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC)और अन्य सतर्कता विन्यास संसाधन अनमोल हैं; और इसलिए, इन संसाधनों का उपयोग भ्रष्टाचार के ऐसे गंभीर मुद्दों को उजागर करने में समझदारी से करने की जरूरत है, जो सार्वजनिक हित के हों। केन्द्रीय सतर्कता आयोग के संसाधनों का उपयोग करने के अलावा, झूठी और तुच्छ शिकायतों से चयन प्रक्रियाओं, परियोजना कार्यान्वयनों में निर्णय लेने में प्रशासनिक विलंब होता है, साथ ही सरकारी कर्मचारियों की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा नष्ट होती है। यद्यपि, झूठी और अविचारणीय शिकायतों से निपटने के लिए कानून में प्रावधान हैं, फिर भी, इसका प्रयोग आम तौर पर नहीं किया जाता है, ताकि वास्तविक शिकायतों का निवारण बाधित न हों। परन्तु जहां निर्दोष सरकारी कर्मचारी को परेशान या नुकसान पहुंचाने की दुर्भावना या गलत उद्देश्य से शिकायत दर्ज कराई जाती है, वहाँ ऐसे शिकायतकर्ताओं के खिलाफ मौजूदा कानूनों का प्रयोग करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।
  3. शिकायत अनाम या छद्मनाम से नहीं होना चाहिए। यदि शिकायतकर्ता चाहता है कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग शिकायतों के अनाम या छद॒मनाम होने के आधार पर उनकी शिकायतों को बंद न करे अर्थात्‌ कोई कार्रवाई नहीं करे तो शिकायतकर्ताओं से यह आशा की जाती है कि वे अपने नाम, पत्राचार का पता और संपर्क विवरण का उचित रूप से उल्लेख करें साथ ही यह भी आशा की जाती है कि शिकायतकर्ता सतर्कता आयोग द्वारा उनसे सत्यापन एवं पुष्टि करने का अनुरोध किए जाने पर तत्काल जवाब देंगे। यदि शिकायतकर्ता अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं, तो वे पी आई डी पी आई संकल्प 2004 के तहत शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  4. अपूर्ण / अस्पष्ट / सामान्य टिप्पणियों की शिकायतों की जांच पड़ताल करना और उनकी छानबीन करना कठिन होता है और उन शिकायतों को सामान्यतः, बंद कर दिया जाता है अर्थात उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसलिए, शिकायतकर्ताओं से आशा की जाती है कि वे सतर्कता आयोग की शिकायत से निपटने की नीति को अच्छी तरह से समझ लें, जो कि इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है, ताकि, केवल उन शिकायतों को ही दर्ज किया जाए, जो कि विशिष्ट हैं और जिनमें पर्याप्त प्रमाण संलग्न हैं ताकि उसमें प्रथम दृष्ट्या पर्याप्त सतर्कता दृष्टिकोण का संकेत मिल सके।
  5. शिकायत पक्षपाती नहीं होनी चाहिए या ऐसी किसी के व्यक्तिगत शिकायत पर आधारित नहीं होनी चाहिए जिसमें कि सतर्कता का कोई पहलू नहीं हो।
  6. शिकायत केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के सामान्य क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले मंत्रालयों, विभागों या संगठनों से संबंधित होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, राज्य सरकारों से संबंधित किसी भी प्राधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ शिकायतें केन्द्रीय सतर्कता आयोग के सामान्य अधिकार क्षेत्र में नहीं आती हैं और इसलिए, इस प्रकार की शिकायत को बंद कर दिया जाएगा।
  7. जो शिकायतकर्ता पीआईडीपीआई संकल्प के तहत ध्यानाकर्षक शिकायत करना चाहते हैं, उन्हें भी पी.आई.डी.पी.आई. संकल्प के तहत शिकायतों के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग के परिपत्र में बताई गयी उचित प्रक्रिया से परिचित होना चाहिए। यदि इन प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाता है, तो इस प्रक्रिया के तहत की गयी शिकायतों को सामान्य शिकायत की तरह माना जाएगा और शिकायतकर्ता की पहचान प्रकट की जा सकती है। इससे शिकायतकर्ता एक नुकसानदायक स्थिति में पहुँच सकता है।
  8. शिकायतकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि अपनी शिकायतों में केवल उन मुद्दों को ही केन्द्रीय सतर्कता आयोग में उठाएं जिन्हें किसी व्यक्ति द्वारा किसी प्राधिकारी के समक्ष नहीं उठाया गया हो। कभी-कभी शिकायतकर्ता अपनी शिकायत को केवल केन्द्रीय सतर्कता आयोग को संबोधित करने के बजाय कई एजेंसियों को संबोधित करता है। ऐसी परिस्थितियों में केन्द्रीय सतर्कता आयोग को कार्रवाई शुरू करने के लिए बहुत मुश्किल हो जाती है क्योंकि यह महसूस किया जाता है कि चूंकि, शिकायत अन्य एजेंसी एजेंसियों को संबोधित होती हैं इसलिए, वे इस भी मामले में उचित कार्रवाई कर सकते हैं। इसलिए, शिकायतकर्ता से यह आशा की जाती है कि वे उन मामलों में अपनी शिकायत केन्द्रीय सतर्कता आयोग से ही करें जिनमें वे ये आशा करते हैं कि उन शिकायतों पर केवल केन्द्रीय सतर्कता आयोग ही कार्रवाई करे।
  9. केन्द्रीय सतर्कता आयोग का भी यह अनुभव रहा है कि कुछ शिकायतकर्ता एक शिकायत में कई मुद्दों को इस तरीके से उठाते हैं कि सभी मुद्दे एक-दूसरे में मिश्रित हो जाते हैं अर्थात मिल जाते हैं और विशिष्ट मुद्दों को अलग-अलग पहचानना और उनकी रूपरेखा प्रस्तुत करना मुश्किल हो जाता है। केन्द्रीय सतर्कता आयोग यह आशा करता है कि शिकायतकर्ता, केन्द्रीय सतर्कता आयोग को अपनी शिकायतें अग्रेषित करते समय, विभिन्‍न विशेष मुद्दों को एक-एक करके एक सुसंगत तरीके से बताएं ताकि कोई सामान्य विवेकशील व्यक्ति भी इन मुद्दों को स्पष्ट रूप से समझ सके।
  10. यह भी देखा गया है कि कई बार केन्द्रीय सतर्कता आयोग में प्राप्त हस्तलिखित शिकायतें बिल्कुल भी सुबोध्य नहीं होती हैं और शिकायतों की विषय वस्तु को समझना और उन पर उपयुक्त कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है। यदि हस्तोलिखित शिकायत केन्द्रीय सतर्कता आयोग को भेजी जाती है, तो यह आशा की जाती है कि यह स्पष्ट होनी चाहिए। शिकायतों के साथ भेजे गए संलग्नकों पर भी यही बात लागू होती है। सभी प्रकार की शिकायतें, भले ही वे मुद्रित हों या फोटोकॉपी में हों, स्पष्ट रूप से सुपाठ्य होनी चाहिए।
  11. शिकायतकर्ताओं से यह भी आशा की जाती है कि वे सतर्कता पहलू वाले उन्हीं मुद्दों के संबंध में शिकायत दर्ज करें, जो किसी न्यायालय, अधिकरण आदि में किसी मुकद्दमा (वाद) का हिस्सा नहीं हैं अर्थात्‌तत्संबंधित कोई मुद्दा न्यायालय में विचाराधीन नहीं होना चाहिए।



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